आज इस पेज पर हम आपके लिए Suraj Shayari का संग्रह लेकर आए हैं जिसको पढ़कर आपको खुशी होगी अक्सर सभी लोग तरह-तरह की शायरी पढ़ते हैं और अपने परिजनों के साथ शेयर भी करते हैं लेकिन सूरज शायरी बहुत ही कम लोग सर्च करते हैं और शेयर करते हैं।
सूरज की वजह से ही हमारे जीवन में उजाला हैं सूरज हर रोज हमारी जिंदगी में एक नई किरण ले कर आता हैं और हमारी लाइफ को महकाता हैं उसी की वजह से आज हम हँसी-खुशी जीवन यापन कर रहें हैं।
Suraj Shayari in Hindi
ऐ ख्याल के सूरज तू ही अब संभल वरना
पी चुके अन्धेरे तो रौशनी के धारे तक
हो आए जब गरुर कभी खुद पे आप को
सूरज को देख लेना कभी डूबते हुए
हर एक घर में आने दे सूरज की रौशनी
सूरज के आगे बैठ न दीवार खींच कर
मत घबरा ऐ प्यासे दरिया सुरज आने वाला है
बर्फ़ पहाड़ों से पिघलेगी जल ही जल हो जाएगा
उनकी किस्मत का सूरज भी डूबा रहा
देर तक सवेरे जो सोते रहे
बौने खुद अपने सायों से खुश हमसे हैं खफ़ा
अन्धेर किस कदर है ये सूरज के शहर में खफ़ा
सूरज की इक किरण नहीं जिसके नसीब में
उस ना-त्माम रात पर लिखा है मेरा नाम
सर से तेज धूप न जाने टलेगी कब
सूरज जो गर्दिशों का है वो डूबता नहीं
आँधी का कोई खौफ़ न खतरा हवाओं का
मैंने दिए जलाए हैं सूरज को तोड के
सदियों से पी रहा हैं शबनम कये लहू
शबनम को एक बार तो सूरज पिलाइए
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आप की नजरों में सूरज की है जितनी अजमत’
हम तो चिरागों का भी उतना ही अदब करते हैं
हो के मायूस न यूँ शाम से ढ्लते रहिए
जिन्दगी भोर है सूरज से निकलते रहिए
चढ़ता सूरज जो भी हो उसको करो झुक कर सलाम
आज इस को और कल उस को खुदा कहते रहो
दिन में सूरज सताए छाँव बनकर आइए
रात काली हो तो रास्ते का दिया बन जाइए
सूरज न बन सके किसी घर का फ़िया तो हो
इन्साँ की जिन्दगी का कोई मुद्दआ तो हो
सर पे सूरज हो तो पैरों में सिमट जाता है
यानी अपना बुरे ल्महात में साया भी नहीं
पंछी तो बैठ जाएगा सूरज की शाख पर
हसरत भरी निगाह से देख करेंगे लोग
तू मुकद्दस आँख है यानी हसी सुरज की आँख
और मैं गहरी गुफ़ा वो भी किसी पाताल की
न जाने कितने चिरागों को मिल गई शोहरत
इक आफताब के बे वक्त डूब जाने से।
माथे की तपिश जवाँ, बुलंद शोला-ए-आह,
आतिश-ए-आफ़ताब को हमने टकटकी से देखा है।
Two line Suraj Shayari in Hindi
इन अँधेरों से ही सूरज कभी निकलेगा “नज़ीर”
रात के साए ज़रा और निखर जाने दे
तेरे होते हुए महफ़िल में जलाते हैं चिराग
क्या लोग क्या हैं, सूरज को दिखाते हैं चिराग
मैं भटकती हूँ क्यूँ अंधेरे में
वो अगर आफताब जैसा है
तीरगी चाँद को ईनाम-ए-वफ़ा देती है,
रात-भर डूबते सूरज को सदा देती है!!
अब आ भी जा कि सुबह से पहले ही बुझ न जाऊं
ऐ मेरे आफताब बहोत तेज है हवा
तारीकियों में और चमकती है दिल की धूप,
सूरज तमाम रात यहां डूबता नहीं!!
पसीने बाटंता फिरता है हर तरफ सूरज
कहीं जो हाथ लगा तो निचोड़ दूगां उसे।
चाँद सूरज मिरी चौखट पे कई सदियों से
रोज़ लिक्खे हुए चेहरे पे सवाल आते हैं
हमें चराग समझ कर बुझा न पाओगे
हम अपने घर में कई आफ़ताब रखते हैं
अगर ख़ुदा न करे सच ये ख़्वाब हो जाए
तेरी सहर हो मेरा आफ़ताब हो जाए
Funny Shayari in Hindi
मैं ज़ख़्म-ए-आरज़ू हूँ, सरापा हूँ आफ़ताब
मेरी अदा-अदा में शुआयें हज़ार हैं
गिरती हुइ दीवार का हम दर्द हूँ लेकिन
चढ़ते हुए सूरज की परस्तिश नहीं करता
अपनी ही ताबीर के चक्कर में मेरा जागता हुआ ये ख्वाब!!
रोज सुबह-सुबह सूरज की तरह धर से निकल पड़ता है।
फनकार है यदि तो हाथ पे सूरज सजा के ला
बुछता हुआ ए दिया न मुकाबिल हवा के ला।
आए कुछ अब्र कुछ शराब आये,
उसके बाद आये तो अज़ाब आये,
बाम-इ-मिन्हा से महताब उतरे,
दस्त-ए-साक़ी में आफ़ताब आये।
काश होता मेरे हाथों में सूरज का निजाम
तेरे रस्ते में कभी धूप न आने देता।
मैं सूरज हूँ कोई मंज़र निराला छोड़ जाऊँगा,
उफ़क़ पर जाते जाते भी उजाला छोड़ जाऊंगा
घबराएँ हवादिस से क्या हम भी जीने के सहारे निकलेंगे
डूबेगा अगर ये सूरज भी तो चाँद और सितारे निकलेंगे !!
मंद-मंद रौशनी है धुंधला सा आफ़ताब है,
ए सुबह तू भी आज गम-जदा है क्या।
सूरज शायरी हिंदी में
हर ज़र्रा आफ़ताब है, हर शय है बा-कमाल,
निस्बत नही कमाल को शरहे कमाल से!!
कल भी सूरज निकलेगा
कल भी पंछी गायेंगे
सब तुझको दिखाई देंगे
पर हम ना नज़र आएंगे
किसी दिन,तय है सूरज का ठिकाना ढ़ूँढ़ ही लेंगे,
उजालों की हमारे पास एक पुख्ता निशानी है
चलता रहा तू साथ मेरे,
कभी आफ़ताब बनके,
कभी महताब बन के।
चढ़ने दो अभी और जरा वक़्त का सूरज,
हो जायेंगे वो भी छोटे जो अभी साए बड़े हैं!!
आपके जलवों में घिर गया आखिर,
जर्रे को आफताब होना ही था!!
कुछ आपकी निगाह का फ़िर थी,
कुछ मुझे भी खराब होना ही था!!
चौदवी का चाँद हो, या आफताब हो,
जो भी हो तुम, खुदा की क़सम, लाजवाब हो तुम!!
चमन में शब को जो शोख बेनक़ाब आया,
यक़ीन हो गया शबनम को आफ़ताब आया !!
तू तो है सूरज तुझे मालूम कहां रात का दुख!!
तू किसी रोज उतर घर में मेरे शाम के बाद!!
आँचल में संजो लेना हमको
सपनों में बुला लेना हमको
आपके चेहरे के नूर से आफ़ताब भी चमकता है,
ए ज़िन्दगी यदि तू नहीं तो कुछ भी नहीं।
Suraj Shayari in Hindi
उजाले के पुजारी मुज़्महिल क्यूँ हैं अँधेरे से,
के ये तारे निगलते हैं तो सूरज भी उगलते हैं!!
वो डूबते हुए सूरज को देखता है फराज
काश मैं भी किसी शाम का मंजर होता
रात के राही थक मत जाना
सुबह की मंजिल दूर नहीं
ढलता दिन मजबूर सही
ढलता सूरज मजबूर नहीं
रौशनी की भी हिफाज़त है इबादत की तरह
बुझते सूरज से चरागों की जलाया जाए
सूरज कही भी जाये
तुम पर ना धूप आये
तुम को पुकारते हैं
इन गेसूओं के साये
आ जाओ मैं बना दू
पलकों का शामियाना
थका-थका सूरज जब नदी से होकर निकलेगा!!
हरी-हरी काई पे पांव पड़ा तो फिसेलगा!!
ए गजल का हुस्न हो तुम, नज़्म का शबाब हो तुम!!
सदा पे साज हो तुम, नगमा ये रबाब हो तुम!!
जो दिल में सुबह-सुबह जगाए, वो आफ़ताब हो तुम!!
नज़दीकियों में दूरका मंज़र तलाश कर
जो हाथमें नहीं है वो पत्थर तलाश कर
सूरज के इर्द-गिर्द भटकने से फ़ाएदा
दरिया हुआ है गुम तो समुंदर तलाश कर
सूरज एक नटखट बालक सा
दिन भर शोर मचाए
इधर उधर चिड़ियों को बिखेरे
किरणों को छितराये
कलम, दरांती, बुरुश, हथोड़ा
किरन-किरन अलसाता सूरज
पलक-पलक खुलती नींदें
धीमे-धीमे बिखर रहा है
ज़र्रा-ज़र्रा जाने कौन ।
रात जब गहरी नींद में थी कल
एक ताज़ा सफ़ेद कैनवस पर,
आतिशी सुर्ख रंगों से,
मैंने रौशन किया था इक सूरज
Sad Suraj Shayari in Hindi
काले घर में सूरज रख के,
तुमने शायद सोचा था,
मेरे सब मोहरे पिट जायेंगे,
मैंने एक चिराग़ जला कर,
अपना रस्ता खोल लिया!
रात के पेड़ पे कल ही तो उसे देखा था!!
चाँद बस गिरने ही वाला था मुझ से पक कर!!
सूरज आया था,ज़रा उसकी तलाशी लेना!!
कुछ ख़्वाबों के ख़त इनमें
कुछ चाँद के आईने सूरज की शुआएँ हैं
नज़मों के लिफाफ़ों में कुछ मेरे तजुर्बे हैं
कुछ मेरी दुआएँ हैं
कोई तो सूरज से यह पूछे कि क्या महसूस होता है!!
बुलंदी से नशेबों में उतरने से जरा पहले!!
तरस रहे हैं हम एक सहर को जाने कितनी सदियों से!!
वैसे तो हर रोज यहाँ पर सूरज का निकलना जारी है!!
सारा दिन बैठा,मै हाथ में लेकर खाली कासा
रात जो गुजरी,चाँद की कौड़ी डाल गई उसमें
सूदखोर सूरज कल मुझसे ये भी ले जायेगा।
आप को शब के अँधेरे से मोहब्बत है तो रहे!!
चुन लिया सुबह के सूरज का उजाला मैंने!!
ज़रा सी देर के लिये,जो आ गया मैं अब्र में
इधर ये शोर मच गया,के आफ़ताब ढल गया!!
न जाने कितने चरागों को मिल गई शोहरत
एक आफ़ताब के बे-वक़्त डूब जाने से!!
हम वो राही हैं लिये फिरते हैं सर पर सूरज।।
हम कभी पेड़ों से साया नहीं माँगा करते!!
चढ़ने दो अभी और ज़रा वक़्त का सूरज।।
हो जाएँगे छोटे जो अभी साये बड़े हैं!!
अपना सूरज तो तुझे ख़ुद हि उगाना होगा।।
धूप और छाँव के बीच में क्या ढूँढता है।।
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Suraj Shayari in Hindi
हम वो राही हैं सर पर लिये फिरते हैं सूरज।।
हम कभी पेड़ों से साया नहीं माँगा करते!!
यदि आप को शब के अँधेरे से मोहब्बत है रहे।।
चुन लिया सुबह के सूरज का उजाला मैंने!!
कभी तो सूरज ने भी चाँद से मोहब्बत की होगी,
तभी तो इतने सुन्दर चाँद मे भी दाग है,
दूर कहीं क्षितिज पे सूरज ढल रहा है,
यानी फिर किसी दरिया का दिल जल रहा है!!
मंजिल को तू अपनी उफ़्ताद न समझ “अदम्य”
सफ़र में सूरज कोे भी अंधेरों से गुजरना पड़ता हैं
अगर तुम किसी चीज को पसंद नहीं करते हो
तो उसे बदल दो
अगर उसे बदल नहीं सकते
तो अपना रवैया ही बदल दो
मुमकिन है के चाँद से हो गयी होगी बेवफाई,
तभी तो सूरज मे आग है
प्यार किया तो बदनाम हो गए,
चर्चे हमारे सर ए आम हो गए,
ज़ालिम ने दिल भी उसी वक़्त तोडा,
जब हम उसके प्यार के गुलाम हो गए
इंतजार की आरजू अब खो गयी है,
खामोशियों की आदत हो गयी है,
ना शिकवा रहा ना शिकायत किसी से,
अगर है तो एक मोहब्बत,
जो इन तन्हाइयों से हो गयी है
सारी रात ना सोए हम,
रातो को उठ के इतना रोए हम!!
बस एक बार मेरा कसूर बता दे ओ रब्बा,
इतना प्यार कर के भी क्यूँ ना किसी के हुए हम!!
संक्षेप में
उम्मीद करते हैं कि आपको आज की सूरज शायरी पसंद आई होगी और आप इन शायरी को कॉपी करके अपने परिजनों को भेज सकते हैं
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