आपको हमारे द्वारा लिखी गई Two line waqt Shayari कैसे लगी हमें कमेंट द्वारा जरूर बताएं इस पेज पर लिखी गई शायरी आपके दिल को छू जाएगी हमनें इस पेज पर समय शायरी का बेहतरीन करेक्शन आपके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं तो आपको जरूर पसंद आएगी।
वक्त इंसान को बहुत कुछ सीखा जाता हैं एक समय ही हैं इसके अनुसार ये दुनिया चल रही हैं और हम चल रहे हैं समय से बढ़कर कुछ नहीं होता वो कहते हैं ना कि जो समय निकल गया वो वापिस नहीं आता वो बात सही भी हैं जो वक्त एक बार चला गया फिर वो पल लौट के वापिस नहीं आता हैं तो दोस्तों नीचे ऐसे ही बेहतरीन वक्त पर शायरी दी हुई हैं जिसको कॉपी करके आप अपने प्यारे मित्रों और परिजनों को भेज सकते हैं।
Contents
Two line waqt Shayari in Hindi
ये मोहब्बत का फ़साना भी बदल जायेगा,
वक़्त के साथ जमाना भी बदल जायेगा।
कहते हैं उम्र-ए-रफ्ता कभी लौटती नहीं,
जा मैकदे से मेरी जवानी उठा के ला।
जमीन पर मेरा नाम वो लिखते और मिटाते हैं,
वक्त उनका तो गुजर जाता है, मिट्टी में हम मिल जाते हैं।
वक़्त अजीब चीज़ है वक़्त के साथ ढल गए,
तुम भी बहुत करीब थे अब बहुत बदल गए।
दुनिया पे ऐसा वक़्त पड़ेगा कि एक दिन,
इंसान की तलाश में इंसान जाएगा।
तुम ने वो वक्त कहां देखा जो गुजरता ही नहीं
दर्द की रात किसे कहते हैं तुम क्या जानो।
सब एक नज़र फेंक के बढ़ जाते हैं आगे
मैं वक़्त के शो-केस में चुप-चाप खड़ा हूँ
आप के दुश्मन रहें वक़्त-ए-ख़लिश सर्फ़-ए-तपिश
आप क्यों ग़म-ख़्वारी-ए-बीमार-ए-हिजराँ कीजिये
वो ख़लिश जिस से था हंगामा-ए-हस्ती बरपा
वक़्त-ए-बेताबी-ए-ख़ामोश हुई जाती है
ऐ दिल की ख़लिश चल यूँ ही सहीं चलता तो हूँ उन की महफ़िल में
उस वक़्त मुझे चौंका देना जब रँग में महफ़िल आ जाए
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waqt attitude shayari in hindi
सियाह रात नहीं लेती नाम ढलने का,
यही तो वक़्त है सूरज तेरे निकलने का!!
तूने ए वक़्त पलट कर कभी देखा है,
कैसे हैं सब तेरी रफ़्तार के मारे हुए लोग।
वक़्त की हवाओं में उड़ जाने दो गुलाब जेसे शब्द,
क्या पता किसी दिल के वीराने इनसे महक उठाएं।
ज़िंदगी यूँही बहुत कम है मोहब्बत के लिए
रूठ कर वक़्त गँवाने की ज़रूरत क्या है
वक़्त मुक़र्रर कर लेते हैं चाँद को तकने का
जिस रोज़ मैं देखूं उस रोज़ तुम देखो
वक़्त रहता नही कहीं टिककर
इसकी आदत भी आदमी सी है
इस जज़्ब-ए-ग़म के बारे में एक मशविरा तुमसे लेना है
उस वक़्त मुझे क्या लाज़िम है जब तुम पे मेरा दिल आ जाए
ऐ रहबर-ए-कामिल चलने को तैयार तो हुँ पर याद रहे
उस वक़्त मुझे भटका देना जब सामने मंज़िल आ जाए
यूँ तो पल भर में सुलझ जाती है उलझी ज़ुल्फ़ें
उम्र कट जाती है पर वक़्त के सुलझाने में
कल मिला वक़्त तो ज़ुल्फ़ें तेरी सुलझा लूंगा
आज उलझा हूँ ज़रा वक़्त के सुलझाने में
वक़्त मेरी तबाही पे हँसता रहा!!
रंग तकदीर क्या क्या बदलती रही!!
Two line waqt Shayari in Hindi
जिन किताबों पे सलीक़े से जमी वक़्त की गर्द
उन किताबों ही में यादों के ख़ज़ाने निकले!!
मानो वक़्त ठहर गया हो जैसे
या ज़िंदगी इसी पल में सिमट आई हो
वो जो लफ्ज़ बह गये कहीं अहसासों से
जैसे सहराओं में रूहानी बयार आई हो
ये फैसला तो शायद वक़्त भी न कर सके
सच कौन बोलता है अदाकार कौन है
वक़्त सी फ़ितरत लिए चलता है वो,
ना किसी का होता है ना ठहरता है वो।
तू मेरी जेब में रकखे हुए क़लम पे न जा
मैं वक़्त आने पे चाक़ू निकाल सकता हूँ
मिलके बिछड़ने में ही सब वक़्त काट गया,
दो पल भी ना मिले हाल-ए-दिल सुनाने को।
मैं वक़्त की दहलीज़ पे ठहरा हुआ पल हूँ,
क़ायम है मेरी शान कि मैं ताजमहल हूँ!!
उम्मीद वक्त का सबसे बड़ा सहारा है,
गर हौसला है तो हर मौज में किनारा है!!
Waqt ki Ahmiyat Shayari in hindi
रात तो वक़्त की पाबंद है ढल जाएगी,
देखना ये है चराग़ों का सफ़र कितना है!!
वक़्त पड़ जाए तो जाँ से भी गुज़र जाएँगे,
हम दिवाने हैं मोहब्बत के अदाकार नहीं!!
हम तो गुम थे किसी की खामोशी में!!
आपने याद दिलाया तो वक़्त याद आया!!
मिलने मिलाने में वक़्त जाया ना कर,
आ मेरे दिल में बस जा सदा के लिए।
वक़्त का तकाज़ा है के फिर महफ़िल सजे
फिर उनकी निग़ाह हम पे पड़े, फिर उनकी बात चले।
वक़्त और हालात दोनी ही बदल जाते हैं,
मँज़िलें रह जाती हैं, लोग बिछड़ जाते हैं।
वक़्त सी फ़ितरत नहीं मेरी के बुलाने से भी ना आऊँ,
आप आगाज़ करो हम अंजाम तक साथ रहेंगे
बस ज़िन्दगी के उसूलों पे जी रहे हैं,
वक़्त बदल रहा है, हम भी बदल रहे हैं।
वक़्त-ए-सहर जो रात की लौ झिलमिला गयी,
उठ कर तुम्हारी जुल्फ सँवारा करेंगे हम!!
Two line waqt Shayari in Hindi
ज़िन्दगी भी बे-अदबी से पेश आने लगी है,
इसको भी वक़्त की नज़ाकत का एहसास हो चला।
जब भी अंजाम-ए-मुहब्बत ने पुकारा ख़ुद को,
वक़्त ने पेश किया हम को मिसालों की तरह !!
उनका जिक्र उनकी तमन्ना उनकी याद,
वक़्त कितना कीमती है आज कल।
वक़्त की अदालत में हर कोई गुनहगार है,
आज मुझे सजा मुकर्रर हुयी कल को तेरा इंतज़ार है।
हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते,
वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोडा करते।
वक़्त की तिज़ोरी में बंद कर दिए सब लम्हे खुशनुमा,
अपने हालातों को तेरी चाहत से वाकिफ़ नहीं कराते हम।
दाग दामन के हो, दिल के हों के चेहरे के ‘फ़राज़’,
कुछ निशान वक़्त की रफ़्तार से लग जाते हैं।
कोई शाम के वक़्त आएगा लेकिन,
सहर से हम आँखें बिछाए बैठे हैं !!
खत्म हो जाता है ज़खीरा-ए-अलफ़ाज़ उस वक़्त,
जब कोई पूछ लेता है दर्द-ए-इश्क़ के मायनें मुझसे।
Waqt Shayari in Hindi
मेहरबाँ हो के बुला लो मुझे चाहो जिस वक़्त,
मैं गया वक़्त नहीं हूँ कि फिर आ भी न सकूँ!!
बेहतर है के वो रिश्ते टूट जाएँ जो वक़्त की डोर से बंधे हो,
जो बदलते वक़्त के साथ भी ना बदले वही अपना है।
और आहिस्ता कीजिये बातें धड़कने कोई सुन रहा होगा
लफ्ज़ गिरने न पाये होंठो से, वक़्त के हाथ इनको चुन लेंगे
वक़्त की किताब के कुछ पन्ने उलटना चाहता हूँ,
मैं जो कल था आज फिर वही बनना चाहता हूँ।
अपने भी अजनबी हो जाते हैं वक़्त के साथ,
कुछ अजनबी भी अपने हो जाते हैं वक़्त के साथ।
दिनों के बाद अचानक तुम्हारा ध्यान आया,
ख़ुदा का शुक्र कि उस वक़्त बा-वज़ू हम थे
किसके नक़्शे-कदम है तू, ए ज़िन्दगी।
वक़्त सी रफ़्तार भी नहीं, ज़माने से तुझे प्यार भी नहीं।
वक़्त और हालात तो बदल ही जाते हैं मगर,
दर्द तब होता है जब वक़्त के साथ ज़ज़्बात भी बदल जाते है।
दर्द ही हमदर्द बन जाता है उस वक़्त,
जब खुद से ही अपना हाल बयाँ करने से कतराता है कोई।
Two line waqt Shayari in Hindi
फितरतों और आदतों में बस इतना फर्क है,
आदतें वक़्त के साथ बदलती हैं और फितरतें नीयत के साथ।
कहने को तो सब अपने ही हैं यहाँ,
पर वक़्त आने कोई कोई चेहरा नहीं दिखता।
वक़्त को थाम के बैठे हैं हम भी,
ज़िद्द है के वो मिले तो हम चले।
तूफानों से कह दो कहीं और दिखाए जलवा अपना,
हम तो कब के मर गए, हम पे वक़्त जाया ना करना।
वक़्त की चाल का अंदाज़ा तो नहीं मुझे मगर,
वक़्त के साथ टकराने की कोशिश करूँगा मैं सदा।
वक़्त की देहलीज़ पे खड़ी है सर झुका के किस्मत मेरी,
वक़्त बदले तो शायद इससे चल पड़े किस्मत मेरी।
वक़्त काटना है मुझे बस के वक़्त मेरा ना रहा,
वक़्त बे वक़्त यूँ याद आता रहा किस्सा तेरा।
वक़्त की पाबंदी लगी है अब तो हर वक़्त,
लौट आना इससे पहले के हशर की रात आजाये।
वक़्त भी फ़रियाद करता है निकलने की,
तेरी महफ़िल में जब समां दिलबरों का बंधता है।
Waqt Shayari for Girlfriend
एक हाथ दिल पे रख, एक हाथ से थाम ले वक़्त,
जो कर सका तू ये, तो यही जावेदा ज़िन्दगी है।
किसी से उनको क्या मतलब, मगर हाँ वक्त पड़ने पर
ज़माने भर से अपने दोस्ताने ढूँढ़ लेते हैं
वक़्त काट जाने दो यूँ ही पल दो पल में,
एक अरसा गुज़ारा है हमने, 2 पल काटने के लिए
जो लिबासों को बदलने का शौक़ रखते थे
आखरी वक़्त ना कह पाए क़फ़न ठीक नहीं
हमें ये वक़्त डराता कुछ इस तरह भी है
ठहर न जाए कहीं हादसा गुज़रते हुए
उसे याद करके क्यों वक़्त गंवाता मैं,
हर मेरे हाथ में होता उसे भूल जाना।
दर्दे दिल वक्त का पैगाम भी पहुँचाएगा,
इस कबूतर को जरा प्यार से पालो यारों!!
यूँ वक़्त बेवक़्त याद आने से कुछ ना होगा,
कोई जा के कह दे उसको हमे रुलाना है तो अब खुद ही आ।
मुझे अपना तो बना लिया उसने मगर,
उसको अपना बनाने में मुझे वक़्त लगेगा।
टू लाइन वक़्त शायरी इन हिंदी
कौन जाने किस घड़ी लिखी उसने किस्मत हमारी,
वक़्त भी रुक गया एक मुकाम के बाद
चढ़ने दो अभी और ज़रा वक़्त का सूरज,
हो जायेंगे छोटे जो अभी साये बड़े हैं !!
खुदा तो इक तरफ, खुद से भी कोसों दूर होता है,
बशर जिस वक्त ताकत के नशे में चूर होता है!!
जा़या होने से बचा ले मुझे माबूद मेरे
ये न हो मुझे वक्त खेल तमाशा करदे
वक़्त कभी एक सा रहता नहीं सुन लो साहेब,
खुद भी रो पड़ते है औरो को रुलाने वाले
अभी कुछ वक्त बाकी है अभी उम्मीद कायम है
कहीं से लौट आओ तुम मुह्ब्बत सासं लेती है
तुमने वो वक्त कहां देखा जो गुजरते ही नहीं
दर्द की रात किसे कहते हैं तुम क्या जानो!
दर्द बे वक्त हो गया रुसवा
एक आंसू था पी लिया होता!
जिंदगी एक हसींन ख्वाब है माना,
हर हसींन ख्वाब को ताबीर नहीं मिलती
वक़्त शायरी
टूट के वक्त के साहिल पे बिखर जाते है,
कुछ रिश्ते जिन्हें जंजीर नहीं मिलती
एक ज़ुगनू ने कहा मैं भी तुम्हारे साथ हूँ,
वक़्त की इस धुंध में तुम रोशनी बनकर दिखो!!
वक़्त के सांथ-सांथ चलता रहे
यही बेहतर है आदमी के लिये!!
सुना है वक़्त कुछ ख़ुश-रंग लम्हे ले के गुज़रा है
मुझे भी ‘शाद’ कर जाता गुज़रने से ज़रा पहले
जब भी अंजाम-ए-मुहब्बत ने पुकार ख़ुद को
वक़्त ने पेश किया हम को मिसालों की तरह
ऐ रहबर-ए-कामिल चलने को तैयार तो हूँ पर याद रहे
उस वक़्त मुझे भटका देना जब सामने मंज़िल आ जाए
हर एक राज़ कह दिया,बस एक जवाब ने
हमको सिखाया वक़्त ने,तुमको क़िताब ने!!
वक़्त से पूछ रहा है कोई
ज़ख्म क्या वाक़ई भर जाते हैं?
निभी ना वक़्त की हम ख़ानमाँ-खराबों से
हवा उलझती रही टूटती तनाबों से!!
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टू लाइन वक़्त शायरी
अब उसे देखो तो आँखों पे यकीं आता नहीं,
वक़्त उसके जिस्म का सब संगे-मरमर पी गया
ये फ़ैसला तो शायद वक़्त भी न कर सके
सच कौन बोलता है, अदाकार कौन है!!
किस शै पे यहाँ वक़्त का साया नही होता
इक ख्व़ाब-ए-मोहब्बत है की बूढ़ा नही होता!!
किस शै पे यहाँ वक़्त का साया नही होता
इक ख्व़ाब-ए-मोहब्बत है की बूढ़ा नही होता!!
न जाने कितने चरागों को मिल गई शोहरत
एक आफ़ताब के बे-वक़्त डूब जाने से!!
वक़्त के सांथ-सांथ चलता रहे
यही बेहतर है आदमी के लिये!!
ना मोहब्बत ना दोस्ती के लिये
वक़्त रुकता नहीं किसी के लिये
चढ़ने दो अभी और ज़रा वक़्त का सूरज।।
हो जाएँगे छोटे जो अभी साये बड़े हैं।।
हर गुज़रते हुए पल का तुझे देना है हिसाब।।
ज़िंदगी का ये सफ़र वक़्त-गुज़ारी तो नहीं।।
चमक यूँ हि नही आती है, खुद्दारी के चेहरे पर।।
अना को हमने दो-दो वक़्त का फाका कराया है।।
संक्षेप में,
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